देहरादून । Uttarakhand Uniform Civil Code । देश में अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले कुछ अहम मुद्दों को लेकर मोदी सरकार सक्रिय नजर आ रही है । इसी क्रम में देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है । भाजपा शासित राज्यों में इसे लागू करने को लेकर खूब हलचल देखी जा रही हैं । इसी बीच उत्तराखंड देश का ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा । इससे पहले देवभूमि के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात का ऐलान किया है । इस बीच UCC को लेकर कुछ बातें सामने आई हैं, जिनमें बताया गया है कि इस कानून के तहत क्या-क्या होगा और उल्लंघन करने पर कौन से अधिकार छीन लिए जाएंगे ।
चुनावी घोषणापत्र में था शामिल
विदित हो कि उत्तराखंड में भाजपा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को अपने चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा बनाया था । धामी सरकार ने अब इस पर काम करना शुरू कर दिया है । सीएम धामी ने बताया है कि जल्द इसे लागू किया जा सकता है । राजधानी देहरादून में आयोजित “प्रबुद्धजन सम्मेलन” में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शिरकत करने पहुंचे , जहां सीएम धामी ने इसका ऐलान किया ।
बेहतर समाज के लिए UCC जरूरी
इस दौरान राजनाथ सिंह ने भी बेहतर समाज और राष्ट्र के लिए यूसीसी को जरूरी बताया । सीएम धामी ने दावा किया कि प्रदेश के लोगों का यूसीसी को पूरा समर्थन मिल रहा है । उन्होंने कहा कि UCC किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं बल्कि समस्त जन सामान्य के लिए है. सबके उत्थान के लिए हम इसे ला रहे हैं।
जनसंख्या नियंत्रण भी शामिल
प्राप्त जानकारी के अनुसार , उत्तराखंड में लागू होने जा रहे यूनिफार्म सिविल कोड में जनसंख्या नियंत्रण को भी शामिल किया गया है । समवर्ती सूची की एंट्री 20A के आधार पर इसे शामिल किया जा रहा है । इसमें जनसंख्या नियंत्रण के अलावा फैमिली प्लानिंग भी शामिल है. इसे यूनिफॉर्म सिविल कोड में संसद में पेश किए गए Responsible Parenthood bill 2018 के तर्ज पर शामिल किया जाएगा ।
कुछ ऐसी होगी उल्लंघन पर कार्रवाई
असल में उत्तराखंड में तेजी से बदलती डेमोग्राफी को देखते हुए धामी सरकार के साथ केंद्र सरकार ने भी UCC को लेकर अहम फैसला लिया है । इस कानून के तहत जो प्रावधान सामने आए हैं, वो काफी सख्त हैं । इस बिल के तहत दो बच्चों के नियम का उल्लंघन करने वाले लोगों को वोट डालने का अधिकार नहीं दिया जाएगा । इसके अलावा सरकारी सुविधाओं का अधिकार भी छीना जा सकता है ।