देहरादून। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने राज्य के 2 मेडिकल काॅलेजों को सेना को हस्तांतरित करने का फैसला लिया है। इसके तहत कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र के श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल काॅलेज का नियंत्रण सेना को दिया जाएगा। सेना की टीम 10 से 15 मई के बीच इन दोनों काॅलेजों का निरीक्षण करेगी। इससे उम्मीद जताई जा रही कि प्रदेश में डाॅक्टरों की कमी दूर हो पाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के सरकारी और प्राईवेट दोनों अस्पतालों में सभी मरीजों को आपातकालीन सेवा मुफ्त में दी जाएगी। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में इसका प्रावधान किया है। राज्य में यह योजना लागू की जा रही है।
अस्पतालों का निरीक्षण करेगी सेना
गौरतलब है कि प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें इसके लिए श्रीनगर मेडिकल काॅलेज की स्थापना की गई थी। यहां बता दें कि इस मेडिकल काॅलेज से 4 बैच पास होकर निकल चुके हैं। ये डाॅक्टर बाॅन्ड भरने के बाद भी पहाड़ी इलाकों में अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं। अब सरकार ने यहां की व्यवस्था ठीक करने के लिए प्रदेश सरकार ने रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद सेना ने श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल काॅलेजों को सेना ले लिया है। अब सेना की उच्च स्तरीय टीम जल्द ही यहां मौजूद मानकों का जायजा लेगी।
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आपातकालीन सेवाएं मुफ्त
दूसरी तरफ प्रदेश सरकार केन्द्र की नीतियों को भी लागू करने पीछे नहीं है। केन्द्र की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को राज्य में लागू किया जा रहा है। इसके तहत सभी सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों मंे आने वाले सभी मरीजों को आपातकालीन सेवाएं मुफ्त में दी जाएंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों में मरीजों के 30 से ज्यादा टेस्ट मुफ्त में होंगे जबकि सभी मरीजों को जनऔषधि मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी।
प्राइेवट अस्पतालों को इलाज का पैसा देगी सरकार
राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.डीएस रावत ने बताया कि इस योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में शुरू के 36 घंटे इमरजेंसी इलाज मुफ्त मिलेगा और इलाज पर हुए पूरी खर्च का भुगतान सरकार की ओर से प्राइवेट अस्पतालों को किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के अस्पतालों में एमएसबीवाई मरीजों को पूरी तरह मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराएगी। जबकि आयकर दायरे में आने वाले मरीजों के लिए ओपीडी और इलाज का चार्ज बढ़ाया जाएगा। सरकार के इस फैसले का असर राज्य के बाहर से इलाज के लिए आने वाले मरीजों पर भी पड़ेगा।