Thursday, November 14, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

राज्य में शिक्षक और सरकार आमने-सामने, शिक्षकों ने ड्रेस कोड के आदेश को मानने से किया इंकार

अंग्वाल न्यूज डेस्क
राज्य में शिक्षक और सरकार आमने-सामने, शिक्षकों ने ड्रेस कोड के आदेश को मानने से किया इंकार

देहरादून।  उत्तराखंड में शिक्षकों और सरकार के बीच ठन गई है। सरकार ने शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य कर दिया है लेकिन शिक्षकों ने इस आदेश को मानने से साफ इंकार कर दिया है। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगे मानने के बजाय उनपर आदेश थोप रही है।  हालांकि राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद शिक्षक संगठनों और सरकार के बीच पहली बार बैठक हुई। शिक्षकों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती, ड्रेस कोड पर कोई बात नहीं होगी। 

शिक्षक मांगों पर अड़े

गौरतलब है कि सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है। यहां बता दें कि शिक्षकों ने पहले कहा था कि उन्हें ड्रेस केाड से कोई इंकार नहीं है लेकिन सरकार पहल उनकी मांगे माने। इस बात को लेकर शिक्षा महानिदेशक और शिक्षक संगठनों के बीच बातचीत भी हुई लेकिन शिक्षकों ने मांगे माने जाने तक ड्रेस कोड के आदेश को मानने से इंकार कर दिया। शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि ड्रेस कोड को लेकर उच्च स्तर के निर्देश हैं ऐसे में इनका पालन करना जरूरी है।  

ये भी पढ़ें - देवभूमि पर मौसम ने बरपाया कहर, दून,चमोली और अल्मोड़ा में बादल फटे, सुरक्षा के कारणों से स्कूलो...

महानिदेशक ने दिया भरोसा

शिक्षा महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी नेे शिक्षकों को इस बात का आश्वासन दिया है कि सरकार शिक्षकों की सभी मांगों पर विचार कर रही है। उन्होंने 15 दिन में समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया है। तिवारी ने  शिक्षकों की मांग पर कहा कि आरटीई के तहत प्रवेश को समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है। 

शिक्षकों ने लगाए अड़ंगे 

शिक्षा महानिदेशक के साथ शिक्षक संगठनों की हुई बैठक में शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने कहा कि अपनी स्थिति के लिए शिक्षक खुद ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में हेडमास्टरों के प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन शिक्षक इसके खिलाफ कोर्ट चले गए। तबादलों की प्रक्रिया शुरू की तो कई लोग इसके खिलाफ भी कोर्ट चले गए।


शिक्षकों की मांग

प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की मांग यह है कि स्कूलों के संचालन का बजट समय पर उपलब्ध कराया जाए, स्कूलों के लंबित बिजली बिल जारी हों, बच्चों की स्कूल ड्रेस समय पर मिले और बीईओ कार्यालय में शिक्षकों की सुनवाई हो। 

जूनियर शिक्षकों ने मांग

उनके वेतन विसंगति का समाधान किया जाए, उच्चीकृत हाईस्कूलों का पृथक संचालन किया जाए और एसएसए के शिक्षकों का वेतन जारी किए जाए। 

राजकीय स्कूलों के शिक्षकों की मांग

शिक्षकों के अंतर मंडलीय तबादले किए जाएं, बेसिक से एलटी में उच्चीकृत शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए और तदर्थ से नियमित हुए शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए। 

Todays Beets: