देहरादून। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत राज्य के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को पिछले सात महीनों से न तो वेतन मिला है और न ही कोई भत्ता। पिछली सरकार ने इन शिक्षकों को वेतन देने के लिए कोषागार को आदेश दिए थे लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने सरकार से तत्काल ठोस व्यवस्था की मांग की है। ऐसा न होने पर आंदोलन को चेताया है। अब नई सरकार ने इस मामले को जल्द निपटाने का भरोसा दिलाया है।
महीनों से बिना वेतन के शिक्षक
गौरतलब है कि एसएसए और रमसा केन्द्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्ट हैं। इसके तहत काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन और भत्ते केन्द्र सरकार द्वारा ही दिए जाते हैं। कई बार समय पर बजट रिलीज न होने से इन शिक्षक-कर्मचारियों को अक्सर दो से तीन माह तक वेतन नहीं मिलता है। हालांकि राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने कोषागार से इन्हें वेतन देने के आदेश दिए थे लेकिन उसका पालन नहीं पाया। अब इतने समय से वेतन नहीं मिलने से इनकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से गड़बड़ हो गई है।
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सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक
इस मामले को लेकर जूनियर माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा कि सरकार उनसे तो पूरी तरह कर्तव्य निर्वहन की उम्मीद रखती है लेकिन अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। प्रोजेक्ट के शिक्षकों को समय पर वेतन तो नहीं ही मिल रहा, साथ ही पिछले साल दीवाली का बोनस अब तक नहीं मिला। कई बार अफसरों को बताने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। शिक्षक संघ ने सरकार से जल्द ठोस व्यवस्था करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है। हालांकि शिक्षकों के इस मामले को लेकर विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार इस समस्या से निपटने की पूरी कोशिश कर रही है। जल्द ही इसका हल निकाला जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों को लेकर भी फाॅमूला तय कर लिया गया है।