देहरादून। प्रदेश में बदहाली के दौर से गुजर रही उच्च शिक्षा को राज्य सरकार संजीवनी देने की तैयारी कर रही है। फिलहाल राज्य में 100 से अधिक डिग्री कॉलेज हैं लेकिन राज्य के 95 विकासखंडों में से 21 विकासखंड ऐसे हैं जहां एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। इन सभी विकासखंडों में सरकार ने एक साल में कॉलेजों की स्थापना का लक्ष्य रखा है साथ ही सरकार ने 100 से कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को बंद कर नजदीकी कॉलेज में समायोजित करने की योजना भी बनाई है।
दूर दराज इलाकों में खुलेगा काॅलेज
गौरतलब है कि पिछली सरकार ने राज्य में 22 नए काॅलेज खोलने की घोषणा की थी लेकिन वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा। ऐसे में अब नई सरकार ने उसे अमलीजामा पहनाने की कवायद तेज कर दी है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डाॅक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में कम छात्रों वाले काॅलेजों को बंद कर उसे नजदीकी काॅलेजों में समायोजित किया जाएगा और वहां तक बस की सुविधा दी जाएगी। यहां बता दें कि राज्य के कई इलाके ऐसे हैं जहां एक भी काॅलेज नहीं है। धन सिंह रावत ने कहा है कि सरकार पुरानी सरकार के फैसले को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि 22 काॅलेजों में 21 डिग्री काॅलेज उन इलाकों में खोले जाएंगे जहां एक भी काॅलेज नहीं है। वहीं 100 से कम छात्रों वाले काॅलेज को बंद कर उसे पास के काॅलेज में समायोजित किया जाएगा इसके साथ ही उस काॅलेज तक छात्रों को मुफ्त बस की सुविधा देगी।
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काॅलेजों को मुहैया करवाई जाएंगी सुविधाएं
आपको बता दें कि कम छात्रों वाले काॅलेजों को चलाने में सरकार को अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ रहा है। दूसरी तरफ छात्रों को गुणवत्ता वाली शिक्षा भी नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार ने राज्य के 22 भूमिविहीन कॉलेजों को भूमि मुहैया कराने और 19 भवनविहीन कॉलेजों के भवन निर्माण के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। इनमें से कुछ कॉलेजों के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान(रूसा) के तहत दो-दो करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत भी हो गई है। बाकी काॅलेजों के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। वहीं, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से पर्वतीय क्षेत्र के कॉलेजों के निर्माण के लिए दो करोड़ की राशि को पांच करोड़ रुपये करने की मांग की है।