रुद्रप्रयाग। हवाई सेवा से केदारधाम आने वाले यात्रियों के वीआइपी दर्शनों पर रोक के सवाल पर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन और श्री बदरी-केदार मंदिर समिति आमने-सामने आ गये हैं। मंदिर समिति ने जिला प्रशासन के इस निर्देश को समिति के अधिकारों में दखलअंदाजी बताया है। इसके साथ ही हवाई सेवाओं से आने यात्रियों द्वारा मंदिर समिति को दिया जाने वाले 1100 रुपये के दान को बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया गया है। इस पर जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि वीआईपी दर्शन को लेकर मंदिर समिति से कोई विवाद नहीं है।
जिला प्रशासन ने लगाई रोक
गौरतलब है कि हवाई सेवा के जरिए आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष तरीके के दर्शन कराए जाते हैं। इससे आम श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। श्रद्धालुओं की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं को एक ही लाइन से दर्शन कराने के निर्देश दिए थे। अब मंदिर समिति इसे उसके अधिकारों में दखलअंदाजी बताया है। जबकि रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी रंजना ने कहा कि वीआईपी दर्शन को लेकर कोई विवाद नहीं है। जिले में कानून व्यवस्था बनी रहे और किसी को कोई दिक्कत न हो, इसी मकसद से यह फैसला लिया गया है। अगर मंदिर समिति को कोई दिक्कत है तो उनसे सभी मुद्दों पर बातचीत की जाएगी। आपको बता दें कि तीर्थपुरोहितों एवं व्यापारियों की मांग पर जिलाधिकारी रंजना ने गत 19 अप्रैल को सीतापुर में आयोजित बैठक में गलत ढंग से वीआइपी दर्शनों पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश जारी किये थे।
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वीआईपी से लिया जाएगा अतिरिक्त शुल्क
मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के अनुसार समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि लाइन में खड़े यात्रियों को तीन गुणा एक के अनुपात में दर्शन कराये जायेंगे। यानी तीन आम यात्रियों के बाद दर्शनों को जाने वाला चैथा यात्री वीआइपी द्वार से मंदिर में प्रवेश करेगा। इसकी एवज में समिति उससे 2100 रुपये का शुल्क लेगी। बता दें कि अब तक यह शुल्क 1000 रुपये लिया जाता था।