रुद्रप्रयाग। गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए केन्द्र सरकार की योजना नमामि गंगे को झटका लगा है। उत्तराखंड में नदियों के जलस्तर में इजाफा होने से घाटों के निर्माण कार्य में बाधा आ रही है। इसके साथ ही सफाई के कामों में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है।
नदियों का जलस्तर बनी मुसीबत
गौरतलब है कि नमामि गंगे के कार्यों में तेजी लाने के लिए केन्द्र की तरफ से भी कई प्रोजेक्टों को पास किया गया है। यहां बता दें कि रुद्रप्रयाग शहर में संगम तट पर मंदाकिनी नदी में तथा पेट्रोल पंप के नीचे अलकनंदा नदी तट पर स्नान घाट का निर्माण किया जा रहा है। इन सभी स्थानों में अप्रैल महीने में नदी का जलस्तर बढ़ने से निर्माण कार्य प्रभावित हो गए हैं। नदी के किनारों से सटाकर घाटों का निर्माण किए जाने से परेशानियां सामने आ रही है। चार जगहों पर बन रहे घाटों के जलमग्न होने से प्रोजेक्ट पर काम रुकने के आसार बन गए हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि मई से लेकर सितंबर तक नदियों का जलस्तर बढ़ा रहता है, ऐसे में परियोजना का निर्माण कार्य प्रभावित होना स्वाभाविक है।
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काम हुआ बंद
आपको बता दें कि पुराने नगर पंचायत कार्यालय के समीप बनाए जा रहे घाट पर नदी से हटकर होने वाले काम हो रहे हैं। पहाड़ों पर लगातार बारिश और बर्फ पिघलने के कारण अब धीरे-धीरे अलकनंदा और मंदाकिनी का जल स्तर बढ़ता जा रहा है इससे नमामि गंगे के कार्य जलमग्न होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में सवाल भी उठने लगे हैं कि नदी से सट कर घाटों का निर्माण क्यों किया गया। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अंकुर गोयल का कहना है कि नदी में पानी बढ़ने पर कार्य बंद कर दिया जाएगा। पानी कम होने पर बरसात के बाद दोबारा काम शुरू किया जाएगा।
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