देहरादून। राज्य के अतिथि शिक्षक एकबार फिर आंदोलन कर सकते हैं। अपनी नियुक्ति को लेकर इन्होंने शिक्षा विभाग पर जानबूझकर लेट करने का आरोप लगाया है। शिक्षकों ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऐसे में उनका भविष्य अंधेरे में लटक गया है। राज्य के करीब 5500 शिक्षकों ने कहा कि अगर 30 अप्रैल तक उन्हें पुनर्नियुक्ति नहीं दी गई तो वे आंदोलन शुरू करेंगे।
शिक्षा विभाग नहीं कर रहा कोई कार्रवाई
गौरतलब है कि अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था को असंवैधानिक करार देते हुए हाईकोर्ट ने इसे खत्म करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद 31 मार्च 2017 के बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई। ऐसे में पूरे प्रदेश में करीब 5500 शिक्षक बेरोजगार हो गए। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में विशेष अपील दायर की थी। उस अपील पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इन्हंग 2 महीने की मोहलत दी थी। अदालत से मिले समय के बाद 5500 अतिथि शिक्षक समायोजन की आस लगाए हैं, लेकिन मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। माध्यमिक अतिथि शिक्षकों ने कहा कि पुनर्नियुक्ति न दिलाने और सुरक्षित भविष्य का स्थायी समाधान नहीं निकाले जाने से उनमें सरकार के प्रति नाराजगी है।
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शिक्षक करेंगे आंदोलन
माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ललित डंगवाल ने बताया कि अगर शिक्षा विभाग 30 अप्रैल तक इनकी पुनर्नियुक्ति नहीं की गई तो पूरे प्रदेश के शिक्षक आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे। बैठक में संगठन के मीडिया प्रभारी दौलत जगूड़ी, दयाकृष्ण भट्ट, महावीर चौहान, अमित बौड़ाई, राकेश लाल, दुर्गा गुनसोला, पंकज, हरीश थपलियाल, नरेंद्र और इतेंद्र नैथानी आदि मौजूद रहे।