देहरादून। उत्तराखंड में चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने की सरकारी कोशिशें नाकाम रहीं हैं। डाॅक्टरों को पहाड़ चढ़ाने के प्रयास में विफल रही सरकार अब नियमों में बदलाव करने जा रही है। नए नियम के तहत राज्य के सरकारी काॅलेजों से पास होने वाले बाॅन्ड के डाॅक्टरों को उनकी पहली तैनाती जिला अस्पताल में दी जाएगी। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। नए नियम लागू होने के बाद पहाड़ों में ज्वाइन न करने वाले डाॅक्टरों को 2 करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा।
पहाड़ चढ़ाने के लिए नियमों में बदलाव
गौरतलब है कि राज्य में डाॅक्टरों खासकर विशेषज्ञों की कमी के चलते दूर दराज इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा अच्छी नहीं है। यहां बता दें कि राज्य के सरकारी मेडिकल काॅलेज से हर साल बड़ी तादाद में डाॅक्टर पास आउट होते हैं। कोर्स ज्वाइन करने से पहले पहाड़ी इलाकों में सेवाएं देने का बॉन्ड भरने के बावजूद वे अपनी सेवाएं वहां नहीं देते हैं। इसे देखते हुए अब सरकार बाॅन्ड की शर्तों में बदलाव करने जा रही है। इसके तहत अब डॉक्टरों को पहाड़ पर ज्वाइन न करने पर 35 लाख की बजाए दो करोड़ रुपये की पेनाल्टी देनी होगी। हालांकि डॉक्टरों की पहाड़ की सेवा पांच से घटाकर तीन साल कर दी गई है। इस बॉन्ड के बाद अब कुछ और नई शर्तें भी जोड़ी जा रही हैं।
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जिला अस्पताल में मिलेगी तैनाती
खबरों के अनुसार अब बॉन्ड के डॉक्टरों को पासआउट के बाद पहले एक साल के लिए जिला अस्पताल में तैनात किया जाएगा। दूसरे वर्ष सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और तीसरे वर्ष प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि शासन ने यह फाइल अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ओमप्रकाश को भेज दी है। इसके आदेश जल्द होने की संभावना है।
बीमार डाॅक्टरों को मिलेगी छूट
स्वास्थ्य विभाग के बीमार डॉक्टरों के तबादलों को लेकर मंगलवार को अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक हुई। इस दौरान डॉक्टरों के तबादले रोकने व संशोधित करने पर चर्चा हुई पर निर्णय नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाने के मकसद से सरकार ने 240 डॉक्टरों के तबादले कर दिए थे। जिन डाॅक्टरों के तबादले किए गए थे उनमें से 19 बीमार थे और उसकी पुष्टि डॉक्टरों के लिए विशेष मेडिकल बोर्ड ने की। बीमार डाॅक्टरों के संबंध में अपर मुख्य सचिव जल्द ही कोई अंतिम निर्णय ले सकते हैं।