नई दिल्ली । जहां एक ओर जीएसटी को लेकर कुछ व्यापारी विरोध दर्ज करा रहे हैं वहीं सरकार ने होटल मालिकों से कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद वे अपने मेन्यू कार्ड में खाने पीने की चीजों के दाम कम करें। होटल-रेस्टोरेंट मालिकों को लागत घटने का लाभ अपने ग्राहकों को भी देना चाहिए। इस मामले में राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने कहा कि होटल-रेस्टोरेंट में जीएसटी खाने के पूरे बिल पर लगाया जाता है। अब अलग से सर्विस चार्ज भी नहीं लगाया जा सकता क्योंकि वह इसी जीएसटी में शामिल है। हालांकि शराब इसमें शामिल नहीं होगा क्योंकि इस पर अभी भी वैट वसूला जा रहा है।
राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने कहा कि जीसीएस के बाद होटल मालिकों को मिलने वाला लाभ उन्हें अपने ग्राहकों के साथ भी साझा करना चाहिए। इसलिए उन्हें अपने मेन्यू कार्ड में शामिल आइटम्स के दाम घटाने चाहिएं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अब इनपुट क्रेडिट उनके लिए भी मौजूद है। अब इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) होटलों की तरफ से दी जाने वाली सप्लाई से जोड़ के देखा जाना चाहिए।
जीएसटी मास्टर क्लास में राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी के तहत जहां गैर-एसी होटल-रेस्टोरेंट पर 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब है वहीं एसी वाले रेस्टोरंट्स और जो शराब भी परोसते हैं उन पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि होटल में शराब परोसे जाने पर जीएसटी लागू नहीं होगा क्योंकि उस पर अभी भी वैट वसूला जा रहा है लेकिन इसके अलावा हर किसी चीज पर जीएसटी लागू होगा।