नई दिल्ली। प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। ऐसी खबर है कि जल्द ही आपकी सैलरी पर भी GST की मार पड़ने वाली है। कंपनियों ने इसके लिए अपनी तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की प्राइवेट कंपनियों ने अपने ऊपर से जीएसटी के भार को कम करने के लिए अपने कर्मचारियों की सैलरी में बदलाव करने की रणनीति बनाई है। कंपनियों ने अपने ऊपर से जीएसटी के भार को कम करने के लिए अब कर्मचारियों के सैलरी ब्रेकअप में भारी बदलाव की तैयारियां की हैं। हालांकि अभी ये पुष्ट नहीं है कि कंपनियां इसे कब से और कैसे लागू करेंगी।
असल में देश में जीएसटी लागू होने के बाद से जहां कई सेक्टर में लोगों को राहत मिली है, वहीं कई कंपनियों पर इसकी मार भी पड़ी है। जीएसटी लागू होने के बाद जहां सर्विस टैक्स में वृद्धि हुई, वहीं कई अन्य मदों में भी अब टैक्स लगने लगा है। ऐसे में हाउस रेंट, मोबाइल और टेलिफोन बिल, हेल्थ इंश्योरेंस, मेडिकल बिल, ट्रांस्पोर्टेशन आदि के GST के दायरे में आने से अब कंपनियों ने अपने ऊपर पड़ने वाले दवाब को कम करने के लिए अपने कर्मचारियों की सैलरी में बदलाव करने की रणनीति बनाई है। इसके लिए कई कंपनियों ने टैक्स के जानकारों से बातचीत करके इस मामले में कुछ राहत पाने की जुगत लगा रहे हैं।
इस बीच खबर है कि टैक्स जानकारों ने कंपनियों को अपने कर्मचारियों को एक बार फिर से सैलरी ब्रेकअप पे्श करने के लिए कहा है। इसके लिए HR विभाग अपनी भूमिका निभाएगा। ऐसे में कंपनियों ने अपना टैक्स बचाने के लिए नए सैलरी ब्रेकअप बनाने का काम शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियां अपने कर्मचारियों की दी जा रही सुविधाओं के बदले उनकी सैलरी में कटौती करती है जो कि अब जीएसटी के दायरे में आ जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो कंपनियां कर्मचारी की कॉस्ट टू कंपनी को आधार रखते हुए सैलरी ब्रेकअप में बदलाव करेंगी, ताकि कंपनी पर टैक्स का बोझ न बढ़े।