नई दिल्ली। सीरिया के रासायनिक हथियारों के ठिकानों पर अमेरिका ने बम बरसाने शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर मिसाइल हमले के भी आदेश दिए हैं। सीरिया पर किए जा रहे अमेरिकी हमले में फ्रांस और ब्रिटेन भी उसका साथ दे रहे हैं। इस बीच रूस ने अमेरिका को इसका अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। ऐसे में एक बड़े युद्ध की आशंका जताई जा रही है।
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गौरतलब है कि सीरिया पर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त हमला किया है। मिसाइल हमलों के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने ट्वीट कर कहा कि अच्छी आत्माओं को दबाया नहीं जा सकता है। बताया जा रहा है कि सीरिया के शहर दूमा में हुए रासायनिक हमले के विरोध में किया गया है। अमेरिका ने रूस पर यह आरोप लगाया है कि वह रासायनिक हमलों में सीरिया का साथ दे रहा है।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र के नाम दिए गए संबोधन में कहा कि ‘‘फ्रांस और ब्रिटेन की सेनाओं के साथ सीरिया में सशस्त्र आॅपरेशन चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीरिया की सरकार के रासायनिक हथियार बनाने के ठिकानों पर हमले के आदेश दिए गए हैं। हमारा उद्देश्य केमिकल हथियारों के प्रयोग पर अंकुश लगाना है।’’ ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के बारे में कहा कि यह किसी इंसान के नहीं बल्कि शैतान के अपराध हैं।
गौर करने वाली बात है कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्रर थेरेसा मे ने सीरिया पर किए जा रहे हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके पास इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि रूस ने पहले ही चेतावनी दी है कि सीरिया के खिलाफ इस अमेरिकी संयुक्त आॅपरेशन के बाद पश्चिमी देशों की तरफ से युद्ध शुरू हो सकता है।