नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और खराब होती हवा की गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सर्वोच्च अदालत ने इसके लिए स्थानीय एजेंसियों को कड़ी फटकार लगाते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) में प्रदूषण से जुड़ी 200 से ज्यादा शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने वाले लापरवाह अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में पराली जलाने और लगातार हो रहे निर्माण कार्यों की वजह से हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है।
गौरतलब है कि मौसम विभाग की ओर से भी अभी कुछ और दिनों तक इसी तरह के हालात बने रहने की संभावना जताई गई है। प्रदूषण के मामले पर सुनवाई के लिए सीपीसीबी की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी को जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा क्यों नहीं चलाते हैं? कोर्ट ने कहा कि उन्हें ऐसा कर उन अधिकारियों की जिम्मेदारी का एहसास कराना चाहिए।
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यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद सीपीसीबी ने कहा कि अब इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले नाडकर्णी ने कोर्ट को बताया कि इस वर्ष 1 से 22 नवंबर के बीच सीपीसीबी को सोशल मीडिया के माध्यम से वायु प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन की 749 की शिकायतें मिलीं, जिनमें से 500 पर कार्रवाई की गई हैं। सीपीसीबी ने शीर्ष अदालत को बताया था कि उसने ट्विटर और फेसबुक पर अकाउंट बनाए हैं जिन पर नागरिक राजधानी में प्रदूषण से जुड़ी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।