वाशिंगटन । भारतीय आईटी प्रोफेशनल के लिए एक अच्छी खबर है। अमेरिका ने भारत से साफ कर दिया है कि एच-1 बी वीजा को लेकर कड़ाई किए जाने का मुद्दा उनकी प्राथमिकता में नहीं है। उनकी सरकार इमिग्रेशन के मुद्दे को लेकर चिंतित है। हालांकि अमेरिका का कहना है कि भले ही एच-1 बी वीजा उनकी प्राथमिकता में न हो लेकिन यह मुद्दा इमिग्रेशन रिफॉर्म्स पैकेज का एक अहम हिसास जरूर होगा। हाल में इस मुद्दे को लेकर ट्रंप प्रशासन काम कर रहा है।
ये भी पढ़ें -अमेरिका में फिर हुआ नस्लीय हमला, भारतीय व्यवसायी हरनीश पटेल की गोली मारकर हत्या
बता दें कि अमेरिका द्वारा पिछले दिनों एच-1बी वीजा को लेकर दिए जा रहे बयानों के बाद भारतीय आईटी कंपनियां काफी पशोपेश में आ गई थीं। हालांकि शनिवार को आया बयान ऐसी कंपनियों के लिए राहत भरा है। अमेरिका ने अपने एच-1 बी वीजा की प्रीमियम प्रॉसेसिंग को लंबित कर दिया है। अमेरिका में भारत की विजिटिंग कॉमर्स सेक्रेटरी रीता तेवतिया ने इस बाबत जानकारी दी। उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका में भारत के तकनीकी सेक्टर का खासा योगदान है। अमेरिका का कहना है कि एच-1बी वीजा को लेकर कड़े कानून बनाने का मुद्दा उनकी प्राथमिकता में नहीं है।
ये भी पढ़ें -मालदीव बेचेगा सउदी अरब को एक आइलैंड, बढ़ सकती है भारत की चिंता
बता दें कि अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब एच-1बी वीजा को लेकर एक कार्रकारी आदेश जारी करने के संबंध में अमेरिका में बहस जारी है। इस मुद्दे को स्थानीय मीडिया में भी काफी प्रमुखता से दिखाया जा रहा है। बहरहाल, अमेरिका ने वीजा की प्रीमियम प्रासेसिंग को लंबित कर दिया हो लेकिन अभी इस वीजा के लिए आवेदन करने वाले आई-907 फॉर्म नहीं भर पाएंगे।
ये भी पढ़ें -आतंकवाद पर पाक के रवैये को यूएस सीनेटर ने दोमुंहा बताया, कहा- पाक देता है आतंकी संगठनों को शरण
इससे ईतर भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर काफी सकारात्मक है। वह दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए भी काफी सकारात्मक है। अमेरिका के वरिष्ठ कैबिनेट सदस्यों से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा कि ओबामा प्रशासन के दौरान दोनों देशों के बीच शुरू हुई कूटनीतिक और व्यापारिक बातचीत अमेरिका की ट्रंप सरकार भी जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंधों को लेकर ट्रंप प्रशासन का नजरिया काफी सकारात्मक है।
ये भी पढ़ें -रिपोर्ट का दावा, 2050 तक भारत होगा सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश