नई दिल्ली। तीन तलाक बिल के लोकसभा में पास हो जाने के बाद सरकार के लिए इसे राज्य सभा में पास कराना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में इसे पास कराने में थोड़ा वक्त लग सकता है। सरकार की इस कवायद के बीच आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने मुसलमान पुरुषों के लिए ‘माॅडल निकाहनामा’ पेश करने की बात कही है। ऐसा कहा जा रहा है कि तीन तलाक के सख्त नियमों के बाद मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड यह माॅडल लाने पर विचार कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह माॅडल इस 9 फरवरी और 11 फरवरी को लागू किया जाएगा।
ओवैसी करेंगे अध्यक्षता
गौरतलब है कि माॅडल निकाहनामा में मुस्लिम पुरुषों को इस बात के लिए राजी किया जाएगा कि वे तीन तलाक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बड़ी बात यह है कि इस सम्मेलन की खास बात यह है कि स्वागत समिति की अध्यक्षता हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी करेंगे। यहां बता दें कि लोकसभा में तीन तलाक को एक दंडनीय अपराध माना गया है और उसके लिए
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माॅडल निकाहनामा
पिछले महीने लोकसभा में तीन तलाक को दण्डनीय श्रेणी में लाने के लिए और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक बिल पास हो चुका है। इसके अलावा एआईएमपीएलबी हैदराबाद में 9 फरवरी और 11 फरवरी को मॉडल निकाहनामा को लागू करेगी। इस माॅडल के जरिए नौजवानों पर ऐसी पाबंदी लगाई जाएगी कि वह अपनी पत्नी को तीन तलाक नहीं बोल पाएगा। बोर्ड के महासचिव और मौलवी वली ने बताया कि इस फरमान के जारी होने के बाद नियम का उल्लंघन, शरिया या मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार अवैध माना जाएगा। अगर इस अनुबंध के लागू होने के बाद भी कोई पति अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो महिला के पास कोर्ट जाने का अधिकार होगा।