गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितम्बर 1887 ई. को अल्मोड़ा ज़िले के खूंट (धामस) नामक गांव में हुआ था।
गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी थे। बाद में ये भारत के गृहमंत्री भी (1955 -1961) बने।
भारतीय संविधान में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और जमींदारी प्रथा को खत्म कराने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
‘भारत रत्न’ सम्मान उनके ही काल में आरम्भ किया गया। सन् 1957 में गणतन्त्र दिवस पर उन्हें भारत की सर्वोच्च उपाधि ''भारत रत्न'' से सम्मानित किया गया।
गोविंद वल्लभ पंत एक अच्छे नाटककार थे। उनका ''वरमाला'' नाटक बड़ी निपुणता से लिखा गया था।