जयपुर।
राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस मामले को लेकर राजस्थान में बवाल मचा हुआ है। बुधवार को आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने के लिए राजपूत समाज के 50 हजार लोग नागौर जिले में एकत्रित हुए थे। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई और रात में अचानक ये लोग उग्र हो उठे और पुलिस वाहनों में आग लगा दी। हालात को देखते हुए नागौर, चुरू, सीकर और बीकानेर में धारा 144 लागू कर दी गई है तथा इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। वहीं बुधवार को एनकाउंटर के 18वें दिन भी आनंदपाल का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। अंतिम संस्कार को लेकर प्रशासन और आनंदपाल के परिजनों के बीच सहमति नहीं बन पाई।
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बता दें कि राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल को पुलिस ने 24 जून को मुठभेड़ में मार गिराया था। तब से ही राजस्थान में इसे लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। राजपूत समाज के लोग और आनंदपाल के परिजन इस एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। राजपूत समाज ने घोषणा की है कि अगर सीबीआइ जांच की मांग नहीं मानी गई तो आनंदपाल का शव लेकर वे राजधानी जयपुर कूच करेंगे।
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बुधवार को इस मामले को लेकर भड़की हिंसा में 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में एक की मौत हो गई। मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई है। उग्र राजपूत समाज के युवकों ने डेगाना-रतनगढ़ रेल पटरी पर कब्जा कर लिया। इस कारण दो ट्रेनों को रोकना पड़ा। नागौर-अजमेर राजमार्ग पर भी राजपूतों ने कब्जा कर रखा है। उग्र लोगों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही लाठीचार्ज भी किया। प्रदर्शनकारियों ने डिडवाना के पास रेलवे ट्रैक से फिशप्लेट उखाड़ने की भी कोशिश की।